तुम्हारी रातें
सबसे सुंदर रातें हों
उनमे हिज़्र तो कभी न हो
घिरे उतना ही अँधेरा
नींदों को तलब जितनी
नींदों को तलब जितनी
तुम्हारे तकियों का मेरे तकियों से
कोई राब्ता न हों
कोई राब्ता न हों
उन्हें भीगने की आदत न लगें
जिस्म में करवटों के सिलसिलें न रहें
तमाम हकीकतों को हाशिये पर रखकर
तुम्हारे स्वप्न लास्य करें
तुम्हारे स्वप्न लास्य करें
चादरों के पास सुनाने के लिए
कोई दास्तां न हो
कोई दास्तां न हो
ख्वाब भी जी भर के देखे तुम्हे
कांच के नीले परदें चौकसी करे
आधी रात की दस्तकें करवटों पर बे- असर नज़र आए
तुम बे- वक़्त जागने के हादसें न भुगतो
तुम्हारी आँखें आसान जिंदगी हो
तुम्हारे हिस्से में लिखा प्रेम भी
मेरे भीतर ही पलें
गहराए
गिरें
उठे
फिर टूटे
गहराए
गिरें
उठे
फिर टूटे
हम दोनों
मेरे भीतर ही जिएं
हम दोनों
मेरे भीतर ही मरें
मेरे भीतर ही जिएं
हम दोनों
मेरे भीतर ही मरें
तुम्हारी रातें
सबसे सुंदर रातें हों
उनमे हिज़्र तो कभी न हों
सबसे सुंदर रातें हों
उनमे हिज़्र तो कभी न हों
तुम्हारें कमरें में नमी और गर्माहट बची रहे
छतों और खिड़कियों से तुम्हारी गहरी दोस्ती हो
छतों और खिड़कियों से तुम्हारी गहरी दोस्ती हो
तुम्हारे बिस्तरों पर जगह न हों
बेरहम शायरियों से कोई वास्ता न हो
त्रासदियों से भरे नॉवेल
तुम्हारे सिरहाने न रखें जाए
त्रासदियों से भरे नॉवेल
तुम्हारे सिरहाने न रखें जाए
हम अपने ही मुंह से सुने
तुम्हारा नाम भी
तुम्हारा नाम भी
तुम्हे अच्छी लगे अपनी ही खुश्बुएं
प्यार में न पड़ने की
तुम्हारी कोशिशें कामयाब
और मेरा भ्रम कायम रहे
तुम्हारी कोशिशें कामयाब
और मेरा भ्रम कायम रहे
तुम्हारी रातें
सबसे सुंदर रातें हों
उनमे हिज़्र तो कभी न हो.
उनमे हिज़्र तो कभी न हो.
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