औघट घाट
कहीं छूट न जाए पकड़ वक्त से या फ़िर सही अंत जीवन का...
Saturday, June 13, 2009
अनिश्चित
मैं अनिश्चित हूँ
तुम भी
वो भी
और हम सब
अनिश्चित ...
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