tag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post191888058195443656..comments2023-07-12T05:24:27.895-07:00Comments on औघट घाट: मौत आई भी तो बुढ़ापे का इंतज़ार करती रही.Navin rangiyalhttp://www.blogger.com/profile/14472010320875454612noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-9585842304868086742011-12-08T02:31:52.098-08:002011-12-08T02:31:52.098-08:00शब्दों का लालित्य एक अनुभव की प्रक्रिया है. लालित...शब्दों का लालित्य एक अनुभव की प्रक्रिया है. लालित्य पूर्ण लेखन विषय के कोमल तथ्यों से संवाद और अनुभूति के साथ भरा हो या तथ्यों की सपाटता पर ऑब्जेक्ट के साथ गुजारे गए अनुभव से आया हो तभी इस तरह के लेख कुछ दम पकड पाते हैं. तथ्य बहुत हद तक विषय के यथार्थ के करीब ले जाते हैं और विश्लेषण को हमारी मूल भावना या आलेख के उद्देश्य तक. लेख काफी जल्द बाजी में लिखा गया है. लेख की सार्थकता वाजिब है पर अभिव्यक्ति सार्थक नहीं हो पाई है. देब बाबू "सब कुछ करते ही रहे क्या वे कभी कुछ हो नहीं पाए" . जिस आत्म विश्वास के साथ आपने लेख की शुरूआत की उससे लगा की आप देव साहेब को कुछ अति महत्वपूर्ण बातों को गहरे से जानते हैं इसीलिए शुरवात उनके निजी जीवन से कर रहे रहे हैं, लेकिन देव का सुरैया से प्रेम भी आप डर डरकर एक इंटरव्यू की ओट से बता रहे हैं. " उन्हें अपने जमाने की सुरैया से प्रेम था. उन्होंने सुरैया के सामने अपनी मोहब्बत का इज़हार भी किया. सुरैया भी देव आनन्द से प्रेम करती थी. लेकिन चीज़ें आगे घट नहीं सकीं". सच आप केवल लिखने के लिए मत लिखिए. यह एक अन्याय है. विषय की समझ अच्छी है उसी के साथ अभिव्यक्ति भी ठीक है, पर उसे अपने लेखन की फेंटेसी से जोड़ देना काफी घातक है. अच्छा आलेख नहीं है. कृपया दुबारा प्रयास करें. "शुभ कामनाओं सहित आपका हितेषी" SUAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-41113266336384987452011-12-06T06:35:19.964-08:002011-12-06T06:35:19.964-08:00evergreen star.........लेना होगा जनम तुम्हे कई-कई ...evergreen star.........लेना होगा जनम तुम्हे कई-कई बार....... !विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-3875306077429778802011-12-06T00:53:10.833-08:002011-12-06T00:53:10.833-08:00unhone zindagi ko sharto pe jiya .... romancing wi...unhone zindagi ko sharto pe jiya .... romancing with life me padha maine vo bahut hi shaandaar vyakti thevikalp thinkinghttps://www.blogger.com/profile/12856130009076856332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-19719068922956472412011-12-05T07:19:59.841-08:002011-12-05T07:19:59.841-08:00जब दिल में भावनाओं का तूफ़ान फट पड़ता है तो कागज पर...जब दिल में भावनाओं का तूफ़ान फट पड़ता है तो कागज पर लेखनी कुछ इसी तरह चलती है. देव साहब की विदाई को आपने बेहद भावुक बना दिया नवीन जीvipulhttps://www.blogger.com/profile/09273282269570962576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-21430571329748892632011-12-05T07:17:11.050-08:002011-12-05T07:17:11.050-08:0088 बरस का युवा चल बसा।88 बरस का युवा चल बसा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-61909674641445467832011-12-05T03:55:28.643-08:002011-12-05T03:55:28.643-08:00bahut sundar likha hai....lekhan ko jaari rakhe......bahut sundar likha hai....lekhan ko jaari rakhe...chandraparakash sharmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-84366296302446286952011-12-05T03:37:35.789-08:002011-12-05T03:37:35.789-08:00जैसे देवानंद थे वैसा ही लेख है... क्या खूब लिखा नव...जैसे देवानंद थे वैसा ही लेख है... क्या खूब लिखा नवीन.. कल ही देवानंद की फिल्म 'जोशीला' देखी..अब उनके गुजर जाने के बाद तो यही कहा जा सकता है कि 'किसका रस्ता देखे ए दिल ए सौदाई, मिलों है खामोशी बरसों है तनहाई... <br />-भीका शर्माThe Messengerhttps://www.blogger.com/profile/00213005874275534099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-643107469538105832011-12-05T03:33:11.608-08:002011-12-05T03:33:11.608-08:00वो एक महान कलाकार थे पर उनकी स्टाइल उन्हें सबसे अल...वो एक महान कलाकार थे पर उनकी स्टाइल उन्हें सबसे अलग करती थी में उनकी इसी स्टाइल का कायल था और उनके बारे में जितनी तारीफ की जाये कम होगी उनकी फिल्म के सामने जब में बेठ जाता था तो यह शायद उनका कोई डायलाग छुट न जाये इसलिए में जब तक ख़त्म नहीं हो जाती कही जाता नहीं था <br /><br /><br />----------------- वो एक महान कलाकार के साथ साथ एक अछे इन्सान भी थेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-90645602222141735912011-12-05T03:32:29.899-08:002011-12-05T03:32:29.899-08:00वो एक महान कलाकार थे पर उनकी स्टाइल उन्हें सबसे अल...वो एक महान कलाकार थे पर उनकी स्टाइल उन्हें सबसे अलग करती थी में उनकी इसी स्टाइल का कायल था और उनके बारे में जितनी तारीफ की जाये कम होगी उनकी फिल्म के सामने जब में बेठ जाता था तो यह शायद उनका कोई डायलाग छुट न जाये इसलिए में जब तक ख़त्म नहीं हो जाती कही जाता नहीं था <br /><br /><br />----------------- वो एक महान कलाकार के साथ साथ एक अछे इन्सान भी थेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8624737842454330310.post-44043593607695153292011-12-05T03:27:25.805-08:002011-12-05T03:27:25.805-08:00बहुत बढ़िया आलेख है देव साहब के बारे में..............बहुत बढ़िया आलेख है देव साहब के बारे में...............मज़ा आ गया भाई नवीन.............Sandip Naikhttps://www.blogger.com/profile/12290615598026484269noreply@blogger.com